The Greatest Guide To सफेद मूसली के लाभ



इस भाग में अंजायना से संबंधित जानकरी को प्रस्तुत क...

इसकी १५ ग्राम जड़ों को दूध में उबालकर पी सकते है।

सफेद मूसली उपयोगी औषधीय पौधों में से एक हैं, जो हजारों सालों से मनुष्यों के लिए वर्दान बनी हुई है। इसका उपयोग कई बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता है और चिकित्सा प्रणाली में भी इसका काफी उपयोग किया जाता है। मुख्य रूप से ये बांझपन, यौन विकार, शुक्राणु की कमी, आदि बीमारियों के लिए प्रयोग की जाती है। साथ ही ये स्त्रियों में मासिक धर्म चक्र को नियमित करने में भी मदद करती है।

यदि सफेद मूसली का प्रयोग व सेवन निर्धारित मात्रा (खुराक) में चिकित्सा पर्यवेक्षक के अंतर्गत किया जाए तो सफेद मूसली के कोई दुष्परिणाम नहीं मिलते।

इसमें पाए जाने वाले तत्व है सेपोनिन और सेपोजिनिन। इस औषधीय पौधे की लम्बाई ४० से ५० सेंटीमीटर होती है। गरम जलवायु के इलाकों में इसकी खेती की जाती है जहाँ पर वर्षभर बारिश ६० से ११५ सेंटीमीटर होती हो।

सफेद मूसली की जड़ काे पीस कर दूध व शहद के साथ मिलाकर इसका सेवन किया जा सकता है।

हाई ब्लड प्रेशर आम बिमारी की तरह लगने वाली बहुत खतरनाक बिमारी है। ब्

मूसली की फसल से होने वाले उत्पादन की मात्रा

सफ़ेद मुसली को इन प्रकारों में उपयोग कर सकते है - : सफ़ेद मुसली का अर्क, सफ़ेद मुसली कैप्सूल, सफ़ेद मुसली का तेल, सफ़ेद मुसली पाउडर (श्वेत मुसली चूर्ण), सफ़ेद मुसली के बीज का उपयोग किया जाता है।

अस्वीकरण: इस वेबसाइट पर दी गई सूचना का उद्देश्य किसी भी बीमारी का निदान, रोकना, उपचार या इलाज करना नहीं है। कृपया चिकित्सक से परामर्श करें। अधिक पढ़ें।

भारत में सदियों से आयुर्वेद पद्धति की मदद से इलाज का चलन रहा है। आज के समय में लोग अंग्रेजी दवाइयों के सहारे इलाज तो करते हैं। लेकिन फिर भी आयुर्वेद पद्धति से इलाज की परंपरा भारतवर्ष में आज भी बरकरार है। आयुर्वेदिक औषधियों में ऐसी कई सारी औषधियां है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक होती हैं। उनमें से एक है सफेद मूसली, यह एक प्रकार का पौधा है have a peek at this web-site जिसमें सफेद रंग के छोटे-छोटे फूल लगते हैं। वैसे तो सफेद मूसली के कई फायदे हैं। लेकिन इसका ज्यादातर इस्तेमाल यौन संबंधी रोगों के इलाज में किया जाता है। इस आर्टिकल के माध्यम से हम जानेंगे कि सफेद मूसली को किन-किन बीमारियों के दौरान प्रयोग में लाया जा सकता है।

यदि आप स्तनपान कराने वाली मां या गर्भवती महिला हैं, तो इसे समय अवधि के दौरान इसे लेने की सलाह नहीं दी जाती है।

इसमे अनुत्तेजक गुण है, जो गठिया में होने वाली संयुक्त सूजन को कम करने में मदद करतें हैं

मूसली के फूलों का रंग सफ़ेद होता है। इसलिए इसे सफ़ेद मूसली कहा जाता है। वैसे तो यह जगलों में बारिश के मौसम में अपने आप ही उग जाती है, किन्तु इसके इतने चमत्कारिक फायदे होने की वजह से इसकी पुरे देश में खेती की जाने लगी है।

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